बिषाई so .**ौकांडू [ uማ..] अशा चानिण“छषन जिनषtब्रह cनtश् *द्रौक शहैछ । ८गाँव हद्र बांशुझाईौद्र [भvभ*?] <तश्छtत्र भद्रौकब्र कण वांश्ङ्गि इरेग। कथन थाभढ़ थशनचैौद्र *ौड़ा शहेश cषात्र गरबारभद्र थाश चाहि । श#९ ७णांs* गैम्न श्रे॥ा यशनम्रो वृट्रानशाइ भग्नाम । ॐाशक नैफ इरेण जामि रिष्ठांगांश्रङ्ग शहणाद्भङ्ग •द्ध लहेका छोरुमत्र ऋरवगणि गढकाल्नु भइमानद्र श्हेगाय। उिनि आशाक भूलै श्रेच्रे बाबिाख्न ७ खानवानिाउन। थाशद्ध वाङ्कजङ tथिइ अलिनि BBBB BBBB BBBB BBD DDD DD DD DD DD DD कमिड दकि ब्राशिगन न। चक्रणtष रूtइक निद्र भद्र भशगन्नैव &ांन ¢अल * (शृ. ४२१ ) देश दिइ बि गारे-भूत गउन ४१० अिप्टक जेखि বিজ্ঞাসাগরের নির্দেশক্রমে ৰােগেন্দ্রনাথ মদনমোহন তর্কালঙ্কারের কনি रुछ भागटौशन cशरीद भनिश्वश्ण काश्म । देशहरे *** যোগেন্দ্রনাথের ভিন পুত্র ও তিন কল্প জন্মগ্রহণ করে। পুৱগণের মধ্যে রিপন কলেজের সান শাস্ত্রর অধ্যাপক ইহুয়েন্ত্রনাথ বন্ধ্যোপাধ্যায়ের মাদ গ্রুপরিচিত। যোগেন্দ্রনাথের তৃতীয়া কল্পীश्वाश्ौ cक्यौ cभाइाम्रै-बिस्तानो प्लेकोण बैंगगिङङ्काद्र झोलाद्माद्वाइ नश्ठि शिश्ठि श्न। श्वायौद्र क्ह्राःक विदाइ श्रवन-गान् জাওতোষের ভোঃ পুত্র বীরমাত্রলার মুখোপাধ্যায় !
পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/১৬
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।