*s
- . . . . छिाझ्यन
૪ ના સનઃ ૧તા ના સ્વા বাহাতে উপদেশ & बाग्जरल्ड इंदेश नक्ाना ज्वारा हो, अि"ि" अश्ञशत्र राशन है। अििड ग५ * *** गयाrरण अग्निड जांशारा गिनर *ि**** किशु श्री बांश ७ :ीकृका डिाढ श्झाइ िहरेग, छाम ४ बैौठिा गबैौबछ। बो छ, ७ अथ थाषा कथनs रिद्रव्हरे" "" ইতিহাস, বিজ্ঞান ও দর্শনের অধিক পরিমাণে আলোচনা इहेश्व, प्लेक् कोदो কলা ও উপাখ্যানের জse ৰাখাচিত্ত স্বান গ্রান্ত হইখেক । সময়েই sms o averiam " **o शिशष् झेौंत्र श्रेरक, यक् ७ो लेख्ात्र गरिङ थ्रोन ग"° প্রাচীন সম্প্রদাসৱ ও সাপেক্ষতার জলোচনা কর বাইনে! क्छुि भाश्व्वा छानि (र, बिब डाँर बाछ कनिदान हैक्र tरबन अरग, चtछद्र भाबद्रक्ष शनिवा ইচ্ছ। সচরাচর যেরূপ अरण रश गा न चानरू नशा शन्द्र बार ऐश्शन कदा ۴۹۹۹ ۶۹۹ اقSt اR» و همه های कद्रा ऎfङ, cर रश्न भागढ़ cशन श्रुग्द्र नेिकछे भtबद्ध छ१ अकन क,ि डिबि श् िछt***** गएकोछूल बन७ उहाँ अनन कड़िा थाrरूब। रुिरु रेश cरूरग अभाद्र चङ्कङ्गोव बै। जिनेि अडाभ अछन चाशाe ठशा निवा कथाह ভাণ আৱাৰােগ ও কৌতুহল এমনি कवि ।। ७देकन वषjबाश्रुऊ शकएरु भाषा दबाब निरुक्ने उहन गारदान ब देि वर्गझr२ शिख्रुिद्र श्रेशs भाइ *****' क्रुि षषन गशरबढ़ बिकठे काम ऋष शशिरड हरेद, এa sস" সতর্ক হওয়া উচিত। সবজি প্রেতি লেখক क्सी,