w (पत्रिश्नमोद छिड्रश्न औषम थाइठि शिशिनम, धारननृ७ cनईब्रन चारैननर.८करन uकरें ड़िांश ७uकहे कtरी औरम ४९गर्न कर्मिद्रांशिगन " मृथक्छ। t ৯। প্ৰাণোচ্ছাস বা ৰিনি বিক ফুৰিঙ্গামাল । ১২৯৫ সাল . ( १५ श्रiं भvva )। शृ, *९ ।। “विचtथब ७ छत्रदडङिहे, कविrश्द्र जबख छेरन।“गरे cयम ७ छसिएफ क्षम भाषाग्न झwइ ऍक्रूनिष्ठ इहैश्चा:ह, व गtगा:प्रश्न भीमाबगैौ* पाठ-अठिशाrड क्षन जामाब्र ऽिल चाrनाक्लिष्ठ हरेक्षाहरु, उषबई चाभि ७३ गरिछांसनि णिनिरक शब्द्रिाहि dहे जछ३ uहे কবিতমালার নাম 'প্ৰাণোচ্ছ্বাগ' রাখলাম।--ছাদামী রচনাতে अशाग्न यिहे ७थध छैझश् "-भूवंरक्ष्। २० । अंड़ि-भांशंण द अंध्र अष्टमङ्ग-छ**रिंशङ्मक cएजियांग । बाई,
- ४७१ १ह ( ॰* श्न भ४v* ) ।। १. ७४ ।। ४° । कीर्ति-बलिद्र द ब्राडश्रृङ दौङ्ग-ठौ।ि ०२ss गाग (२०
चह्नैीश्छ भv४a ) ! शृ.१७२ ।। টুড়ের রাজস্থান অবলম্বন করিয়া “বাপ্পারাউল্ হইতে অমরসিংহ পর্যন্ত মিবারের স্বাধীন রাণাগণের জীবনী মাত্র এই ক্ষুদ্র পূবৰে সন্নিবেশিত হইয়াছে।” s२' भ्राद्विदन्छौद्ध औबब्रवृख। १४** *कांक ( १• cफ्ऊछद्रि { tه 8 ,ژ۶ f ( مهwه ४७ । “ब्रिकृङि-नांछ-अंब्रांज* बिकल । थ३शयन ४२४७ {१०
- ... !i + ss ( هوcrritf( w ড়িাসাগর মহাশয়ের নিষ্কৃতিলাভপ্রাগ' পূজকের প্রতিবাদে fwf&w 1