### ##:: सि-लि पनि चाश्न्द करन ख वा िंश ক্ষে কাল উপলদ মেনে কথা-গোর = प्रथांकिंcथव छैiशक रुग्रा बथिनावाय। कैशिष् अस्ति कmá w नाशद्वान जैव1. क्वहविरच्, औदनाitअत्र दृश्निाविवनकडि चतःि क्षरश्रं, श्ािगवि चष्हषि निशं, चगश-काश-गतःि। क्श मानििश्ाा-७को ऐजेन्तानै c cापान चाश्, वाक्रमश ७ जबङिइ नद्विद्वचकैद । ७क देकेtढ़ानेरबद्ध ८कन गणर्ज कइ, अकके ३अब्रांगैtाइ यान वाचकत्र ; cशक्त्रि, जांशा चा*ि ७ छांशंइ cश्न, cडांशद्ध छसि ७ cछाषांद्र cरभरक ब्रगाकरण शिक्ष- . प्रक्रि, cनिरे cङावामान प्णबच्न था,ि खाबाद cा, झ्-ि ' औरtनङ्ग अछ चाषैौमछ-हॉब्र! हरेtर ! भsक चककूर्ण-हठाद्र थानंडांtक् झगशामा नि राणा बढ जाग्छ शरहेय। अरु गिि मश्रित शृःडौम बक्र श्णइन ! अरू ननिक्-पाप भििनि।ि नवडून! ७क टूलबार चाकश्राविशन अलइङ! (*क्षाच्रिअय · ७वणभाइडांभ*) - 3. .. क्लिनचिcरूी च्द्रब्रॉनो वरि क्रगाह चच्छा थक नि० "শান্ধি, খৰ, সমাজের পার্থক্য গুলি,মাস্টাৰে এক লিঙ্গ क्षेड शासन, जश हरेव शश्विक शक्ति र जकच्च । --**ोछत्र:इ0 केच् िश्रध्दः:चीन गिर गरे। आग्नच्छ *
পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/২৮
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