পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৩৮০

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DDDD DDD D DDDD DDKSgDD Dt StttS भ्रूंश|श" । नििौष्,८५ धoto झश्-क्ष्ण-{१७f),~-श्रं, श्वश् ७ झशेौ्। 00SCBB BBBBBS BBS BDt t tttt SttttS BBBS BBBBS BBSBBS BB BBBDSDD ttS भूमिश्, ब्रेझिंझॉ, त्रैिव लिङ्गं, ९ष्ट्रं च, ८५५ ७ १:चिt॥ भश्छ-*ात-"भ-शृणtछ४,---हेठाश् िभूमेिवौष्ठ शङ्ठायशश्च दि«ह*• • विश्क विभ्राह चाcशlsभ वारक, टाराद्र नाथ "aझट शृणाल" । अणञ्च ¢श भरrन द्वाब, ¢श्न, भर्भेछ, **, ८णांक्ष-न२१rः वा१िवाणि विश्tश्इ दिाठि पा:, ७iशद्र अथ "शां★र*ि* ५tर्णाश" !-- जबू*ाम-eछग्नष, १. ४-३ ।। ३ ! क्षिब्लिक झलॉम । श्वर्ष९ १८ञ्चांश्चमौग्र महर्षिकf४**द्र ●ञ्चल शृङ्गं निि१ $छ्।। {श्र5ि॥l cश्tं ११ १४७० । शृ. *१• । “भाईइ काङ्गन बूखक ज९4श्"-5इ भढष्ट्र छ । पूंछकङ्ग “विस्त्रान्हम” थकाच :-"ििश्रंभ९७८श्श चिछिरु धञ्चाबच्चनिढ भूनद्बाश्रम अनाक् थाबरक चश्tबाबब कब्रिाrश्न । कैराश्त्र - .ཝ་སྦr:༢་༢ཝ་ཟiས་བྷ་ག་ཝཱ་ཙཱ་བགའ།(ས༥ चारश्tत ** *में भूखक तक♚छ रे