পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৫২

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ऋत्रक गणाश्क्रश्च बिबि aहन रूढ़िवt.cगरे गङ्गाश्नीश्लाह fअब बहन मार अनिक भज अकानिच् रचि জাগিলেন। नबwiबि चकि पैरङ्गके झट्टैद्धांझिग : #क्र छांशrख क्लिक्ष गाडs श्रेछ। अक्ब चाराढ छैशा ८ख्बदियौ अडिडा शृक्क्यो* श्रेश Sीन ! cाइ डिक् ि५करे बषtइद नक्सा थक्क निषिाठब ; थts काशब* लfहारा नकड़ांकड़ aइन ক্ষরিজেন ম৷ ” . . . . . § ७क कात्र ििब बिइबिच् थश्कि मि कःिक लाग चानिाख्ब अ। अब ८णाकालाइ खेदि cभग.• अsि »२४१ नाना भइ पश्*न तक कब्रिगाव। पक्शनब५क क्रनद्र বন্ধ খাৰিলে পৰু,তিনি জাম্বাৰ নিকট হাৰ স্বাৰা গমি । গলেন। ১২৮৪ সাল হইতে ১২৮৯ সাল পর্যন্ত তিনিই कक्र*बद्ध गन्नात्रकला कtइन । भू* जायाइ नन्ननकडान लबt", रजश्4ब cतङन् अषक वाश्वि इहेछ, ७षम९ अशहे इहेड लॉजिन ! अश्छि। शबरु वत्रश्र्नtनड़ cऔद्रष अकून बहिण । *शक :# দর্শন লিখিছেন, এখনও তাছাৱা লিখিতে শানিলেন। অনেক মূল লেখক-ধাৰা এক্ষণে খুব প্রসিদ্ধ ধারাৎ fäfदेख 4- -----

  • **** नtनश tरनाथ थाटन 'बदइ' अर्कअथब अकॉनिक है। विंडीश्च शाश्त्र ۹۹ am t به a به و۴۹ روپی) و هاه

कथाक थtबन ब्र, १२०० अttगह छin थीtन ‘बवब'ज************* ब्लक विश्व एिहझि ।