পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৭০৭

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ব্লাহ্মধর্ম ও হিন্দুসমাজ DD DDBBDD DDSBBBB ggD DDB BBBBD DDDSBBBB जाचबर्फ श्कूिबाईबहे ८४ई अत्र । शिञ्चाहे श्थूिबॉलिब्र $इटिङ्ग बनाई टैशद्रा DDD uB HHH DD DDHt DDDDB S BBBBBB BBBB DDBBB BBBBB DDtD DDDBB BBBB BBD DDDSMBBD मांtषञ्च भtब ५ विधान पृष्ठ श्रेणाश्नि ! हेर चामग्र इठिभूर्भ झील श्ब्राहि । তিনি জায়ও লিখিয়াছেন ঃ ধৰম উপনিষদে ব্রহ্মজ্ঞান ও ব্রহ্মোপাসনা প্রাপ্ত হইলাম, এবং জানিলাম যে সেই উপনিষঞ্চ এই সমুদায় ভারতবর্যের প্রাযাগ্য শাস্ত্র, DDD D BBBBDDB BB BB BBBB BBB BB DDD DDD कोण । ? चाँच्नशैश्यौ, भू. १०१) পরবর্তী কালে বেঙ্গনাথের বর্ণমত পরিবর্কিত হয় এবং তিনি भाषअटानिष्ट बकश{ चश्शाने रन । लिबि cदर, ऐनभिषा थइeि श्रेरल जांश्च नरक्षश्शूर्कक इरे थte 'द्धांकदई अविठ कtतब, * we भूकरे कनिवाश् ि। किरु छैशद्र णका श्णि €ांकाब ऋश्चदानैौ जयक्ष श्कूिबालि ४ ऐराइ फेनकाइ जाबम । ११४० *ाकङ्ग »हे कॉर्डिक बाचभश्णिय भकेश छैन्दोश्व-क्ड्रउाइ उिबि रुम्जब : चांबडवtर्वद्र थाषिजांचभयांथ ८ष बांचष*क श्र्निबोरथब बtश चबिहारइम, जांभनशिलब भड श्रेष्ठ उशtरू dीर्षभt१८भश् नवारवा DD DD DDB DDS DBBBB B DDB D BBBB BBB केrड कहां पोरेr७ गाएछ, किह थांबाब्रप्क्इ यठिक, नावांबनश्चूिनबाबरक छेब्रड कङ्गिरस श्रेंtव-गांवॉबर्ष दियूनमाथक थांबाइtदइ *एक डांच्यtईई भख्यशश कfदल रहेक्-जांचवईक रिपूजयांrवह tवड रूबिrख ৰইৰে। এই भाणाले दिङ्ग ब्राविड़ा बाँएकच्च मकरण श्वेका रहेर्दा