পাতা:হরপ্রসাদ-গ্রন্থাবলী.pdf/২৩৭

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दांत्रांक्ष-श्ऊिJ-नशांनष्भ সফলতা। জ্ঞানে মনুষ্যমাত্রেরই তুল্যাধিকার। যদি সে সৰ্ব্বজনের প্রাপ্য ধনকে, তুমি এমত দুরূহ DD D BD LSBDBDD D DBDB BBBD DB BB DBD SDD DDDD DDD কেহ তাহ পাইতে পরিবে না, তবে তুমি অধিকাংশ মনুষ্যকে তাহাদিগের স্বত্ব হইতে বঞ্চিত করিলে। তুমি সেখানে বঞ্চক মাত্র। उ३ दक्षि, आमद्रा (6भ 5 दक्षेिgउझेि ना (स, सांचांगाद्ध शिशनoन छgडाभि उासाग्र ३७ग्रा डे5िड। DD EBDBD DDD KLE DSS BB DDS DBSBBBB DS DD DDKSDDD SDDD DDD DDD DBBSS DBBDDS BDBBD 0 ggBD DOKS DDDSS SDBDBBD DYK SDBBDBDS BDTS BDS BBBD DBug uuDSDBDDDEDB S iD DS ऐक9 छ७ाभि उग्र क्श्न ९ १ि६, २३tऊ *Itद्र DS DB DBD DD DS DDD LDDLS EBB नांशे ; इ८ङभि उ१। निष्ठ्त्र, देशद्र (उभन वैश्न DSSDB DD DBBBDB EEE S LDBD DDt नम्र, Cनशान दियठभूछ । श्gडाभि डांशाग्र कथन DK gi DDD DDD DBD S O DDBDBBSBB DBBDSDDD BB D BBBD DDBD (2*९न कब्रि ना । টেকচাদি ভাষা হুতোমি ভাষার এক পৈঠা উপর। হাস্য ও করুণরসের ইহা বিশেষ উপযোগী। স্কাচ कवि वन् िशय ७ क्1-अनाशि क। कब्रिडाग्र 25 डाया। दाक्शद्र कब्रिाउन, शर्डीव्र ४ डेब्रड दिमाग्र देश् ब्राधी बालशब्र कब्रिडम। शठीव्र ७ टेनड ला DDDD D BBBB DDD DBDBB KS S SDB DS DD BOBDDuDBDD SBD gDD BDBS atfšss अड6द देशई निकाल कब्रिड श्डtछ cश, विषम अश्लांद्रशे ब्र5नाग्र उाषांद्र ७फ़ठ। दा गांभाछड DD DDD 0SSS DDD S LD E ES ७थंभ @tांयन, नद्वगङ|| Aव *ङ| । Cष ब्र5न गकान्हे त्रूक्षिप्ऊ श्रांप्द्र ५१५ °फ्रिांभांव शाशव्र अर्थ बूश। शाग्र, अर्थcशोब्रय शकिन उांशई SSY गां९झछे ब्रा5न। उांशब्र १श ७ाषा: cजोनरी । जलडाब्र (११९ लहेडाब्र गईिड cजोनारी भिभाईड श्रेयः । षट्नक् ब्र5नां शू*] ङेtङ्ग9 6नोलीস্থলে সৌন্দর্ঘ্যের অনুরোধে’ শব্দের একটু অসাবধানতা সহ্য করিতে হয়। প্রথমে দেখিবে, তুমি शाश सलिएड फ़ा७, (कान् डायाम उांश जीcoभ KDDBB DBBD DDD S DBBDD SOBBD DBKS বাৰ্ত্তার ভাষায় তাহা সৰ্ব্বাপেক্ষা সুস্পষ্ট এবং সুন্দর रुश, उप्त cरुन ड्रेष्ठांशांद्र अधिग्र ठरेल? शणि LD KBB D DD DDD DDD DBDBDBB BSBBDBS DB D DDSDBBD BDDD BBDDD করিবে। যদি তদপেক্ষা বিদ্যাসাগর বা ভূদেব বাৰু ७गर्मिंड जश् उदहल उाषा उदग्र अर्षिक *ईडा (qष९ cनोनली श्ग्न, उcद जाभाछ उामा छाप्लिग्न cरे छांक्षांद्र आश्रम्र व्हेर । शर्मि उांशाङ७ कॉर्षी निछ न! श्, अप्र७ ७°प्न ऐदि ; (अंग्रांखन श्रेष्ठ उांश ७७ उां°द्धि नाशें । निष्क्षाग्रांकाप्नशे আপত্তি। বলিবার কথাগুলি পরিস্ফুট করিয়া लिएड श्र-गडऐश बलिदान आप्क्ष, गदऐकू वशिप्स -उञ् ट्रें१ार्श्वी, शॉर्णी, उषांद्रौ, श्, ष्, शांभJ, दछ, Cग डायाब *ल 2(ग्रथन, उां९ ७९१ कब्रिल, अक्षौ डिव्र रुांशांप्रु७ छख्रिप्त न ; उांद्र श्रद्भ cग्रे ब्र5भाcक (गोगरीरिनिष्ठे कविद-cकन ना, शाश अशन , मश्J5िडद्र ठ१८न उाशन अलि अब्र। ७छे ७tलशु धुलि भारुड गप्रल थbलिड छायांग्र निक হয়, সেই চেষ্টা দেখিবো। লেখক যদি লিখিতে अicनन, उस 6न 65छे अग्र नकल श्रद्ध। चांगद्र। cशिग्रांछि, नद्रण 75लिड डाक्षा अनक शिश ग९ डदश्न डॉन ब्र अt१य अखिमऊँी। किलु शनि cन गब्रन 75लिड डांवांग्र Cन डेकाथ निक्ष न। श्म, उत्र रुष काँक्रेनफ्रुऊरश्न उांषांद्र स्त्रामग्र ठरेऊ शें । रेशरेि अभिांद्र प्रिष्नांग्र रांत्रि|| ब्रष्न উৎকৃষ্ট রীতি। নব্য ও প্ৰাচীন উভয় সম্প্রদায়ের *ब्रांभर्भ उाश कब्रिग्रा ७३ द्रौडि अदलश्न कब्रिहण आभांगिtशब्र विtद5नाग्र डांशा अलिंक्षालिनी, अल१८ी भूठे। 6पर गाश्डिlांगकांग्र तिलूपिड श्ल। [ RW千ーん務や6ー>swa ሯማ}፥ |